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छोड़ो कल की बातें: विंबलडन 2024 और टेनिस

Updated - July 16, 2024 11:22 am IST

Published - July 16, 2024 11:15 am IST

अल्कारेज और सिनर नयी पीढ़ी के उदय की पुष्टि करते हैं

रोजर फेडरर के संन्यास लेने और राफेल नडाल की चमक फीकी पड़ने के समय से ही, टेनिस के दीवानों ने अपनी निगाहें भविष्य पर जमा रखी हैं। रविवार को, विंबलडन में सेंटर कोर्ट पर, यह साफ सबूत मिला कि एक नये भूपति (राजा) के आसीन होने के साथ एक नया राजवंश आकार ले रहा है। कार्लोस अल्कारेज का नोवाक जोकोविच को सीधे सेटों में धराशायी करना शायद वह परिवर्तनकारी क्षण था जिसने बदलाव का संकेत दिया। यह सही है कि 24 बार के ग्रैंड स्लैम विजेता जोकोविच घुटने की सर्जरी के चंद हफ्तों बाद ही टूर्नामेंट में शामिल हुए और पिछले नवंबर में एटीपी फाइनल्स के बाद वह किसी फाइनल में नहीं पहुंचे। लेकिन यह 37 वर्षीय खिलाड़ी सात बार का विंबलडन चैंपियन था, जिसने 2005 में अपने पहले मैच से लेकर अब तक एसडब्ल्यू19 (विंबलडन) में केवल नौ पूरे हुए मैच गंवाए थे, और कोई भी प्रतिद्वंद्वी उन्हें दोबारा नहीं हरा पाया था। इक्कीस वर्षीय अल्कारेज का इस मिथकीय सर्बियाई को लगातार दो मैचों में हराना उनकी महान उपलब्धि है। अगर 2023 की जीत ने इस स्पेनिश खिलाड़ी को एक गंभीर दावेदार के बतौर स्थापित किया, तो यह ताजा जीत यकीनन पदानुक्रम को पलट कर रख देगी। इन सम्मानित लॉनों पर 2003 में फेडरर की पहली जीत के बाद, यह पहला मौका है जब लगातार तीन ग्रैंड स्लैम गुजर गये हैं और उनमें विजेता ‘बिग थ्री’ से नहीं हैं। दो साल की छोटी अवधि में चार ग्रैंड स्लैम जीतने वाले अल्कारेज पहले ही एंडी मरे और स्टेन वावरिंका से आगे निकल चुके हैं, जिन्होंने तीन-तीन स्लैम के लिए लंबी और कड़ी मशक्कत की थी।

हाल के वर्षों में उभरने वाले इकलौते विलक्षण प्रतिभाशाली खिलाड़ी अल्कारेज ही नहीं हैं। विश्व के नंबर एक और ऑस्ट्रेलिया ओपन 2024 के चैंपियन जैनिक सिनर ने यह साबित करने का पर्याप्त माद्दा दिखाया है कि वह अल्कारेज के पीढ़ीगत प्रतिद्वंद्वी होंगे। अपना दिन होने पर, दानिल मेदवेदेव भी बराबर के हो सकते हैं, खासकर हार्ड कोर्ट पर। लेकिन कोई भी खिलाड़ी अल्कारेज जितना मुक्कमल नहीं दिखा है, जिसके पास सभी किताबी शॉट हों और जोड़ में आने लायक मानसिक गढ़न हो। उनके 15 खिताबों में से आठ क्ले कोर्ट पर हैं, चार हार्ड और तीन ग्रास कोर्ट पर। और उन्होंने रोलैंड-गैरोस एवं विंबलडन, दोनों में अपने पदार्पण फाइनलों में जीत दर्ज की। यह उपलब्धि फेडरर, नडाल और जोकोविच भी हासिल नहीं कर पाये। महिलाओं में, इस खेल की कुदरती सतह पर महारत हासिल करने की बारी बारबोरा क्रेजिसिकोवा की थी। वर्ष 2021 में फ्रेंच ओपन एकल ट्रॉफी के बाद अब उन्होंने ग्रास कोर्ट के ग्रैंड स्लैम को अपने नाम किया। भले ही यह चेकवासी विजेता ऑल इंग्लैंड क्लब के सात संस्करणों में पहली बार जीत दर्ज करने वाली सातवीं खिलाड़ी हैं, लेकिन उसकी सफलता महिलाओं के खेल में गहराई की निशानी ज्यादा है, बनिस्बत निरंतर परिवर्तन के। और विंबलडन वह जगह है जहां यह संभवत: सर्वाधिक सुस्पष्ट होगा जब तक कि महिलाओं के टूर की अग्रणी खिलाड़ी इगा स्विटेक और एरिना सबालेंका हरे-भरे लॉनों पर जीत की चाबी नहीं खोज लेतीं।

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